वानी

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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 36

ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 36

               अफसोस तुम मुझे जानते हो

अब तक आपने पढ़ा दीपक ज्योति को डांटता है की क्यों वो सबकी बात सुनती रहती है दूसरी तरफ कबीर ज्योति की पूरी डिटेल्स निकलवाता है लेकिन उसे कुछ भी हाथ नही लगता है कबीर अपनी और ज्योति की पहली मुलाकात के बारे में सोचने लगता है

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"अब आगे"

ऐसे ही खामोशी से दिन बीत रहे थे...सब देवांश के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे पटना में ज्योति के भाई की शादी की तैयारियां चल रही थी...विराज भी कुछ दिन खामोश होकर अपना काम कर रहा था अरमान भी चुपचाप अपनी ड्यूटी कर रहा था लेकिन कभी-कभी उसे निर्जला की याद आ जाया करती थी....निर्जला भी अरमान को याद करने लगी थी.... लेकिन कहते हैं ना टेरेरिस्ट को सुकून कहाँ.... 

"राजस्थान में"

राजस्थान एक बहुत  खूबसूरत शहर है लेकिन इस शहर की खूबसूरती और यहां के रेगिस्तान लोगों को अक्सर भा जाया करते हैं रेगिस्तान की गर्मी जितनी गर्म होती है उतनी ही खतरनाक भी इसी रेगिस्तान के रास्ते कुछ लोग जयपुर आने की प्लानिंग कर रहे थे कुछ लोग बैठे शाम होने का इंतजार कर रहे थे....सूरज भी बस डुमने ही वाला था तभी वहां एक लड़की आ जाती है उस लड़की ने काले रंग का राजेस्थानी लहंगा पहना हुआ थे...और हाथ मे काले रंग की चूड़ियाँ,...उस लड़की ने जब चार लोगों को वहाँ बैठे हुए देखा तो पूछती है "के हो गया भाई सा थम सब अठे के करो हो"

उस लड़की की बात सुन उनमें से एक आदमी कहता है...."शाम होने का इंतजार कर रहे हैं"....तभी वो लड़की दोबारा पूछती है "भाई सा शाम होने में वक्त कोनी....पर जे थम  सबने प्यास लगी हो..तो म्हारे पास पानी का घड़ा से....थम सब अपनी प्यास बुझा सको हो"

वो चारों आदमी लड़की से कहते हैं "हां प्यास तो लगी एक काम कर पानी पिला दे हमें"....लड़की एक तिरछी मुस्कान के साथ पानी का घड़ा उनकी तरफ बढ़ा देती है.,..चारों पानी पी लेते हैं और थोड़ी देर में उनकी मौत हो जाती है
वो लड़की अपने हाथों से काले रंग की चूड़ियां निकालती है और उन पर फेंक देती है और उन्हें देखते हुए कहती है "खूबसूरती से हमेशा सावधान रहना चाहिए...कई बार खूबसूरत दिखने वाली चीज खतरनाक भी होती है" फिर हस्ते हुए केहती है 
"अच्छा है हर बार ....मार पिट करना अच्छा नही लगता...  कई बार अहिंसा से भी हिंसा की जा सकती है"

 वो लड़की जैसे ही पीछे मुड़ती है उसके सामने करीब 21- 22 साल का एक लड़का खड़ा था उस लड़के को देख वह लड़की कुछ देर खामोश रहती है ....तभी वह लड़का कहता है "तो तू ब्लैक बैंगल्स है? बहुत नाम सुना है तेरा.,..... सुना है किसी ने नहीं देखा तुझे और जिसने भी देखा..वो खुदा को प्यारा हो गया...लेकिन आज मैं तुझे ही खुदा के पास भेज दूंगा"

 ब्लैक बैंगल्स उस लड़के से केहती है "तुम इन सबके साथ हो" वो  लड़का पूरी अकड़ के साथ कहता है "हाँ मै इन्ही के साथ हूँ और अब देख मै तेरे साथ क्या करता हूँ" इतना केहकर वो लड़का जैसे ब्लेक बेंगल्स को पकड़ने के लिए आगे बढ़ता है वो साइड हट जाती है... 

वो लड़का गुस्से मे अपनी बंदूक निकाल लेता है..... और ब्लेक बेंगल्स पर पॉइंट कर देता है... 
ब्लैक बेंगल्स उसकी इस हरकत पर मुस्कुराते हुए केहती है "कसम कान्हा की तू बच्चा नही होता ना तो तुझे ऐसी मौत देती.. तु क्या तेरी रूह भी काम्प् जाती...लेकिन कोई बात नही पूरी जिंदगी जेल मे रहना" 
इतना केहकर ब्लैक बेंगल्स उस लड़के के पैर पर एक लात मारती है जिससे वो लड़का घुटने के बल बैठ जाता है ब्लैक बेंगल्स मौका देखकर उसकी रस्सी से उसे ही बांध देती है और उसे घूरते हुए केहती है "अफसोस तूने मुझे देख लिया है.... और अफसोस मै तुझे मार भी नही सकती हूँ" 

इतना केहकर ब्लैक बेंगल्स किसी को कॉल करती है.... सामने से एक भारी आवाज़ आती है "काम हो गया? " 
ब्लैक बेंगल्स मुह बनाते हुए केहती है "आपने बताया नही की पाँच लोग हैं" 
सामने वाला आदमी कहता है "पांच... पाँच कैसे चार होंगे ना"
ब्लैक बेंगलस सीरियस होते हुए केहती है "मेरे सोर्स आपके सोर्स से ज़ादा स्ट्रांग है" 
वो आदमी कुछ नही कहता है ब्लैक बेंगल्स फिर केहती है "मैंने इसे छोड़ दिया है मार नही सकती हूँ क्योंकि अभी बच्चा है..... इसके अलावा इसे रोकना आपकी ज़िम्मेदारी है" 

वो आदमी नाराज़ होते हुए कहता है "लेकिन उसने तुम्हे देख लिया है... और तुम जानती हो वो तुम्हारे बारे मे बता सकता है"

ब्लैक बेंगल्स मुस्कुराती हुई केहती है "तो उसे रोकना आपका काम है मै चलती हूँ..... और हाँ एक और बात अपने ऑफिसर्स को बोलिये आकर लेकर जाएँ इसे बाय बाय" 
इतना केहकर ब्लैक बेंगलस कॉल कट कर देती है... थोड़ी देर बाद वहाँ आर्मी के कुछ सोल्जर आते हैं 
उन्हे देख ब्लैक बेंगल्स अपना चेहरा काले कपड़े से ढक लेती है और उस लड़के की तरफ इशारा करते हुए केहती है  "इसने घणी जल्दी से आतंकवादी बनन की.... या की खातिरदारी ज़रा अच्छे से करना" 

इतना केहकर ब्लैक बेंगल्स वहाँ से जाने लगती है तभी उन सोल्जर मे से एक जिसने हाथ मे ब्लैक कलर का पट्टे वाली घडी जैसा कुछ पहना था जिसपर अशोक स्तंभ बना हुआ था....कहता है "आप आर्मी मे नही हैं... फिर सोल्जर वाला काम करती हैं... बहुत नाम सुना है आपका लेकिन आप हैं कौन क्या मै ये जान सकता हूँ"

ब्लैक बेंगल्स उस आदमी की तरफ मुड़ती है और उसकी नेम प्लेट पर एक नज़र डालकर केहती है "CHM (कंपनी हवलदार मेजर) साहब जितनी इंफोर्मेशन आपके पास होनी चाहिए उतनी है... उससे ज़ादा आप बर्दाश्त नही कर पाएंगे" 
इतना केहकर ब्लैक बेंगल्स वहाँ से चली जाती है... 

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"अगले दिन पटना मे"

ज्योति की सुबह 8 बजे नींद खुलती है, उसे इतना लेट उठता देख उमा जी केहती हैं "मुझे लगा था तु सुधर गई है लेकिन.. तु कभी बड़ी नही होगी"

ज्योति उन्हे बिठाती है और उनकी गोद मे सर रखते हुए केहती है "माँ आप ही तो केहती हैं... बच्चे माँ के लिए कभी बड़े नही होते.... फिर आप ऐसा क्यों केह रही हैं" 
उमा जी ज्योति के सर पर हाथ फेरते हुए कहते हैं "मानती हूं कि बच्चे मां के लिए कभी बड़े नहीं होते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चे कुंभकरण ही हो जाए.....जल्दी से उठो और तैयार होकर के नीचे चलो....क्योंकि आज तुम्हारे भाई का तिलक आ रहा है तो उसकी बहुत सारी तैयारी करनी है....और एक बात तुम्हारे पापा ने तुम्हारे लिए लड़का देखा तो भैया की शादी के बाद एक बार उससे मिल लेना"

शादी की बात सुन ज्योति झटके से खड़ी होती है और कुछ पल अपनी मां को देखती है फिर कहती है "मां आप पहले अपनी बहू को संभाल लो....मेरी शादी का बाद में सोचेंगे"
 इतना कहकर वह फ्रेश होने चली जाती है" उमा जी उसे जाता हुए देख कहती हैं "पता नहीं ये लड़की कब बड़ी होगी" और वह भी नीचे चली जाती हैं.. 

थोड़ी देर बाद ज्योति तैयार होकर नीचे आती है.. तभी उमा जी केहती हैं "तेरे भइया के कुछ दोस्त आये हैं... चाय बना के दे आ" 

ज्योति जी माँ केहकर चाय बनाने चली जाती है.... ज्योति चाय बना कर लेकर आती है और सबको चाय देती है.. तभी पीछे से आवाज़ आती है... "क्या मुझे भी एक कप चाय मिलेगी ज्योति जैसे ही पीछे मुड़ती है अपने सामने खड़े शक्स को देखकर उसकी आँखे बड़ी हो जाती है........ 


कौन है ब्लैक बेंगल्स? किसे देखकर ज्योति शॉक हो गई है? क्या ये खामोशी तूफान से पहले की शांति है? जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लैक बेंगल्स मिलते हैं अगले चेप्टर मे तब तक के लिए

............. बाय बाय..........

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4 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:14 AM

Best part

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Varsha_Upadhyay

01-Feb-2023 07:04 PM

Nice part 👌

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:02 PM

Nice 👍🏼

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